वाकई हर शख्स यादों के भंवर में डूब गया था उस दिन...एक-एक चित्र खुद अपनी दास्तां कह रहा था...प्रदर्शनी में पहुंचा हर दिल-हर दिमाग उन चित्रों से कनबतियों में मशगूल था...आपका अनुज मनीष
वाकई हर शख्स यादों के भंवर में डूब गया था उस दिन...एक-एक चित्र खुद अपनी दास्तां कह रहा था...प्रदर्शनी में पहुंचा हर दिल-हर दिमाग उन चित्रों से कनबतियों में मशगूल था...आपका अनुज मनीष
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