तस्बीह से तकरीर करो उम्रभर, ताकि अल्लाह ताला तुम्हे उम्र दे, उडान दे और ये सारा जहान दे...माह-ए-रमजान में वैसे तो हर जुमा अपना महत्व रखता है1 लेकिन अलविदा जुमे की बात ही जुदा है1 शब-ए-जुमा को मगरिब की नमाज के वक्त मुजफ़फरनगर के खालापार की शान कही जाने वाली मस्िजद फक्करशाह के पास अपने मकान की छत पर अमनो अमान की दुआ करती नन्ही रोजेदार
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